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रखा रह गया प्यार ज़रा सा हल्वा था जो मां ने बनाया

रखा रह गया प्यार ज़रा सा
हल्वा था जो मां ने बनाया
सभी के मन को था भाया
फिर न जाने क्यों ज़रा छूट गया

क्या मां को था किसीको देना
बस एक कौर संभालकर रखा
किस पर था उन्हे प्यार था उडेलना
क्या था किसीको अपने हाथों से खिलाना

था क्या वो गैया का बछड़ा
या फिर चिडिया का खाना
या बनना था किसी गरीब का निवाला
या उस फूटपाथ के बच्चे को था खिलाना

मैने भी मां के पीछे जाकर देखा
आखिर था उसका राज़ जो गहरा
आंखों में था अब आंसू का डेरा
मैं भूली थी बाई के बेटे को खाना देना

मां ने था उसे बड़े प्यार से खिलाया
नही था बस एक कौर था पूरा डिब्बा
पकवान के साथ था पूरा खाना
भूली थी मैं घर के सहायक को खाना देना
भूली थी मैं घर के सहायक को खाना देना। रखा रह गया प्यार ज़रा सा
हल्वा था जो मां ने बनाया
सभी के मन को था भाया
फिर न जाने क्यों ज़रा छूट गया

क्या मां को था किसीको देना
बस एक कौर संभालकर रखा
किस पर था उन्हे प्यार था उडेलना
रखा रह गया प्यार ज़रा सा
हल्वा था जो मां ने बनाया
सभी के मन को था भाया
फिर न जाने क्यों ज़रा छूट गया

क्या मां को था किसीको देना
बस एक कौर संभालकर रखा
किस पर था उन्हे प्यार था उडेलना
क्या था किसीको अपने हाथों से खिलाना

था क्या वो गैया का बछड़ा
या फिर चिडिया का खाना
या बनना था किसी गरीब का निवाला
या उस फूटपाथ के बच्चे को था खिलाना

मैने भी मां के पीछे जाकर देखा
आखिर था उसका राज़ जो गहरा
आंखों में था अब आंसू का डेरा
मैं भूली थी बाई के बेटे को खाना देना

मां ने था उसे बड़े प्यार से खिलाया
नही था बस एक कौर था पूरा डिब्बा
पकवान के साथ था पूरा खाना
भूली थी मैं घर के सहायक को खाना देना
भूली थी मैं घर के सहायक को खाना देना। रखा रह गया प्यार ज़रा सा
हल्वा था जो मां ने बनाया
सभी के मन को था भाया
फिर न जाने क्यों ज़रा छूट गया

क्या मां को था किसीको देना
बस एक कौर संभालकर रखा
किस पर था उन्हे प्यार था उडेलना

रखा रह गया प्यार ज़रा सा हल्वा था जो मां ने बनाया सभी के मन को था भाया फिर न जाने क्यों ज़रा छूट गया क्या मां को था किसीको देना बस एक कौर संभालकर रखा किस पर था उन्हे प्यार था उडेलना #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #प्यारज़रासा