जमाने के मुह लगने से महज़ परिहास होगा खामोशी बरकार रखे गर तरक्की तक, तो साहब तुम्हारा भी इतिहास होगा ये जन्मदिन और सालगिरह के ख्वाब छोड़ो Aksh लगन और मेहनत हो तो हर दिन खास होगा पहले परिहास, फिर खास और फिर इतिहास #yourquote