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बात जब भी होती है फरिश्तों की तब ये ख्याल लिख देता

बात जब भी होती है फरिश्तों की तब ये ख्याल लिख देता हूं,
मैं कांपते हाथों से भी पिता को बेमिसाल लिख देता हूं..... #ख्याल
#फरिश्ता
#पिता
#बेमिसाल
बात जब भी होती है फरिश्तों की तब ये ख्याल लिख देता हूं,
मैं कांपते हाथों से भी पिता को बेमिसाल लिख देता हूं..... #ख्याल
#फरिश्ता
#पिता
#बेमिसाल