स्वच्छता घर के साथ साथ मन को साफ रखना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि घर के कीटाणु मिटाने के लिए बाजार में बहुत तरह के सामान उपलब्ध है, लेकिन मन का मैल सिर्फ़ अच्छी चीजें देखने, सुनने और अपनाने से ही साफ होगा। कबीर जी का दोहा: नहाये धोये क्या हुआ,जो मन मैल न जाए। मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाए। कबीर दास जी कहते हैं कि आप कितना भी नहा धो लीजिए, लेकिन अगर मन साफ़ नहीं हुआ तो उसे नहाने का क्या फायदा, जैसे मछली हमेशा पानी में रहती है लेकिन फिर भी वो साफ़ नहीं होती, मछली में तेज बदबू आती है। ©Aditi Agrawal #Health #hygiene #Society #nojotoimageprompt #स्वच्छता #writer #Poet #poem #prompt #HealthHygiene