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बिछड़ना कुदरत का नियम हैं जैसे फूल खिलते हैं और मुर

बिछड़ना कुदरत का नियम हैं
जैसे फूल खिलते हैं और मुरझा जाते हैं
लोग पैदा हो रहे हैं और एक दिन मर जाते हैं
कोई आजीवन यहाँ नहीं रह सकता, कुदरत के
नियम कोई नहीं तोड़ सकता, हर जीव जंतु पशु
पक्षी को मरना हैं ये प्रक्रिया निरन्तर चलती रहेगी
जो बिछड़ गए उन्हें हम याद करते हैं और आँसू
बहाते हैं एक दिन हम भी उनके पीछे जाऐगे और
किसी और को अपनी खाली जगह दे जाऐगे!

©Pooja Udeshi
  #kudrat #niyam #POOJAUDESHI