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छत्तीसगढ़ी गीत रंग मोर पिरित के गढ़ाये हे मैना रे र

छत्तीसगढ़ी गीत
रंग मोर पिरित के

गढ़ाये हे मैना रे रंग मोर पिरित के,
बरसत हे बदरा रे सावन तोर पिरित के,
का जादू डारे वो, का मोहनी खवाये वो ।। 2 ।।
की होगे हंव तोरे दीवाना..।
लेवय रे नाव तोर कोयली मोर मन के,
आसे बंधागे रे जंवारा हरसो तोर संग के,
का मंतर चलाये रे, काबर भरमाये रे ।। 2 ।।
की बना डारे मोला अपन दीवानी..।
देखंव जब जब मैं आईना तिहि नज़र आये,
मया के छांव म सुघ्घर उमर गुजर जाये..
नई हे जगह दिल म त तोर नज़र म रही लेंहूं,
तोर संग म न सही मैं तोर ख़्वाब म रही लेहूं .. ।। 2 ।।
धड़कन तोर जिनगी के हर किस्सा हे मोर,
तोर संग रूह से रूह तक के हर रिश्ता हे मोर,
का मोहिनी हे तोर रूप म रानी नयना बेकाबू हो जाथे ओ,
घेरी-बेरी  देखेबर तोला तोर तीर-तीर म आथे ओ ।। 2 ।।
गढ़ाये हे मैना रे रंग मोर पिरित के,
बरसत हे बदरा रे सावन तोर पिरित के,
का जादू डारे वो, का मोहनी खवाये वो ।। 2 ।।
की होगे हंव तोरे दीवाना ।
लेवय रे नाव तोर कोयली मोर मन के,
आसे बंधागे रे जंवारा हरसो तोर संग के,
का मंतर चलाये रे, काबर भरमाये रे ।। 2 ।।
की बना डारे मोला अपन दीवानी । #छत्तीसगढ़ी_गीत 
#गढ़ाये हे मैना रे रंग मोर #पिरित के,
बरसत हे बदरा रे सावन तोर पिरित के,
#jainesh_kumar 
#love 
#poetry 
#chhattisgarh 
#chhattisgarhi
छत्तीसगढ़ी गीत
रंग मोर पिरित के

गढ़ाये हे मैना रे रंग मोर पिरित के,
बरसत हे बदरा रे सावन तोर पिरित के,
का जादू डारे वो, का मोहनी खवाये वो ।। 2 ।।
की होगे हंव तोरे दीवाना..।
लेवय रे नाव तोर कोयली मोर मन के,
आसे बंधागे रे जंवारा हरसो तोर संग के,
का मंतर चलाये रे, काबर भरमाये रे ।। 2 ।।
की बना डारे मोला अपन दीवानी..।
देखंव जब जब मैं आईना तिहि नज़र आये,
मया के छांव म सुघ्घर उमर गुजर जाये..
नई हे जगह दिल म त तोर नज़र म रही लेंहूं,
तोर संग म न सही मैं तोर ख़्वाब म रही लेहूं .. ।। 2 ।।
धड़कन तोर जिनगी के हर किस्सा हे मोर,
तोर संग रूह से रूह तक के हर रिश्ता हे मोर,
का मोहिनी हे तोर रूप म रानी नयना बेकाबू हो जाथे ओ,
घेरी-बेरी  देखेबर तोला तोर तीर-तीर म आथे ओ ।। 2 ।।
गढ़ाये हे मैना रे रंग मोर पिरित के,
बरसत हे बदरा रे सावन तोर पिरित के,
का जादू डारे वो, का मोहनी खवाये वो ।। 2 ।।
की होगे हंव तोरे दीवाना ।
लेवय रे नाव तोर कोयली मोर मन के,
आसे बंधागे रे जंवारा हरसो तोर संग के,
का मंतर चलाये रे, काबर भरमाये रे ।। 2 ।।
की बना डारे मोला अपन दीवानी । #छत्तीसगढ़ी_गीत 
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