कोई, ...न चाहते भी, गर तेरा, दामन न छोङना चाहे, पर,, तू उस घङी ही उसका दामन, छोङना चाहों,या तेरी मर्जी ही करे,, तो , फिर, समझ हो लेना, जिन्दगी में चैन-सुकून व गीत संगीत बदलने वाले है,, इसलिए,, कर्म करना तो सदा व निरंतर ही वैसा या एसा ही करते रहना,, जिनसे तेरी ,, जिनादगी की रफ्तार संयमित रहे,, वरना अपनी चाहत में बेकाबू होकर ,, खुद-ब-खुद ही मरजाने वाले,, और , जीते जी ही मर -मर के जीने वाले बेबस-व-लाचार बहुतों ,, अपने व पराये भी है,,।। ©Captain Priyanshu #bateinhakikatzindagiki