लाख दुखो की एक दबा है माँ थोड़ी सच्ची थोड़ी जूठी चेहरे की मुस्कान है माँ गरम गरम चूल्हे पर फूली फूली रोटी माँ प्यासे सूखे अधरो पर,शीतल जल जैसी माँ परियो की कहानी,हाँथ की थप थप लोरी जैसी माँ डब डब रोती आँखों पर पोते जैसी माँ पपीहे की प्यास बुझाती बारिश की बूंदों जैसी माँ ककरीले पथरीले रास्तो पर हमको गोदी लेलेती माँ जीवन की हर कठनाई पर मेरे संग रहती माँ लाख दुखो की एक दबा है माँ मां Maa #mom