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तुम समझो तो ये आंसू भी मोती बन जायेंगे । अबक

तुम समझो तो ये आंसू       भी मोती बन जायेंगे ।
अबकी सावन मे तुम आना बर्ना हम मर जायेंगे ।।

यादों के झूले मे झूले अंखिया सूजी हुई हैं लाल ।
 सब दीवाली बीत गयी हैं रंग बिना ही बीते साल।
आ जाओ ओ प्राण वायु तुम ।
साथ साथ घर जायेंगे ।
तुम समझो तो ये आंसू भी मोती बन जायेंगे ।
अबकी सावन मे तुम आना बर्ना हम मर जायेंगे 

सब गलियां हैं सूनी सी  सब खिडकी अब जाली हैं 
सब रातें अब तन्हा हैं ,      सब बातें अब गाली हैं।।
हृदय के कम्पन से सृजित
 गीत प्रेम के गायेंगे।।
आ जाओ ओ प्राण वायु तुम 
साथ-साथ घर जायेंगे 
गंगवार अनिल गंगवार अनिल
तुम समझो तो ये आंसू       भी मोती बन जायेंगे ।
अबकी सावन मे तुम आना बर्ना हम मर जायेंगे ।।

यादों के झूले मे झूले अंखिया सूजी हुई हैं लाल ।
 सब दीवाली बीत गयी हैं रंग बिना ही बीते साल।
आ जाओ ओ प्राण वायु तुम ।
साथ साथ घर जायेंगे ।
तुम समझो तो ये आंसू भी मोती बन जायेंगे ।
अबकी सावन मे तुम आना बर्ना हम मर जायेंगे 

सब गलियां हैं सूनी सी  सब खिडकी अब जाली हैं 
सब रातें अब तन्हा हैं ,      सब बातें अब गाली हैं।।
हृदय के कम्पन से सृजित
 गीत प्रेम के गायेंगे।।
आ जाओ ओ प्राण वायु तुम 
साथ-साथ घर जायेंगे 
गंगवार अनिल गंगवार अनिल

गंगवार अनिल