जिस्म से उसकी परछाईं बहुत दूर हो गई गुलाब से ज़्यादा उसकी खुस्बू मशहूर हो गई कौन सा दाग लग गया था उसके चेहरे पर जो वो आईना तोड़ने पर ही मजबूर हो गई स्वाब करके भी काफिर सी सूरत है हो मेरी वो गुनाह करे फिर भी खुदा का नूर हो गई तुम्हारी ग़ज़लों में पहली जैसी बात कहा लगता है फिर से तुमहरी मुहब्बत दूर हो गई जिस्म से उसकी परछाईं दूर हो गई!