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रफ़्ता-रफ़्ता सच उजागर हो गया, दिल धड़कता था जो, प

रफ़्ता-रफ़्ता सच उजागर हो गया,
दिल धड़कता था जो, पत्थर हो गया।

अब किसे जाकर दिखाऊं ज़ख़्मे-दिल!
चारागर ही जब सितमगर हो गया!

जल गया ख़्वाबों का मेरा इक जहां,,
दिल का पंछी आज बेघर हो गया।

जिन लबों से फूल झड़ते थे कभी,
उनका लहजा कैसे नश्तर हो गया।

अब कोई उम्मीद रखूं किस तरह,
जो न चाहा वो ही अक्सर हो गया।

जब से टूटा आइना ऐतबार का,
टूटना दिल का मुकद्दर हो गया।

अब कोई गुल किस तरह महके भला!
दिल का कोना कोना बंजर हो गया।

मैं कहीं हो जाउंगा गोशा नहीं,
शहरे-दिल यादों का खंडहर हो गया।

ख़ुद में ही मै डूबकर मर जाऊंगा,
अश्क का क़तरा समंदर हो गया । #yqaliem #rafta_rafta #charagar #such #zakhm_e_dil #ishq #relationship #khwabonkaaashiyan
रफ़्ता-रफ़्ता सच उजागर हो गया,
दिल धड़कता था जो, पत्थर हो गया।

अब किसे जाकर दिखाऊं ज़ख़्मे-दिल!
चारागर ही जब सितमगर हो गया!

जल गया ख़्वाबों का मेरा इक जहां,,
दिल का पंछी आज बेघर हो गया।

जिन लबों से फूल झड़ते थे कभी,
उनका लहजा कैसे नश्तर हो गया।

अब कोई उम्मीद रखूं किस तरह,
जो न चाहा वो ही अक्सर हो गया।

जब से टूटा आइना ऐतबार का,
टूटना दिल का मुकद्दर हो गया।

अब कोई गुल किस तरह महके भला!
दिल का कोना कोना बंजर हो गया।

मैं कहीं हो जाउंगा गोशा नहीं,
शहरे-दिल यादों का खंडहर हो गया।

ख़ुद में ही मै डूबकर मर जाऊंगा,
अश्क का क़तरा समंदर हो गया । #yqaliem #rafta_rafta #charagar #such #zakhm_e_dil #ishq #relationship #khwabonkaaashiyan