वो और लोग थे, जो मिटते चले गये। हमसे तो हमारे अपने ही, छुटते चले गये।। सफ़र में थोड़ी चूक क्या हो गई हमसे, रहजनों ने हमको, लूटते चले गये।। ©KaviRaj bhatapara #rain