लगने को तो वो कुछ नही लगता मेरा कहने को तो वो मुझे अपनी जान कहता है किसी रोज़ बहस छिड़ जाए जो हममे अगले ही पल वो मुझसे माफ़ी मांग लेता है उसकी इसी मासूमियत पे मरते है हम ये जानते हुए भी वो अंजान रहता है पूछते क्या हो तुम पता उसका कही और नही मेरे दिल में रहता है #मेरा_यार