पर्दे पर्दे में बात उसकी थी, दिल में पोशीदा ज़ात उसकी थी, तुम ने दुनिया का ज़िक्र छेड़ दिया, मेरे होंठों पे बात उसकी थी, वो गया तो अंधेरा छोड़ गया, रोशनी जैसी ज़ात जिसकी थी, सुबह से छलकी छलकी है आंखें, गुफ्तगू कल रात उसकी थी, बेनियाज़ी शेआर था जिसका, कायनात व हयात उसकी थी, नोहे लिखना है उम्र भर वाहिद, ज़िन्दगी बेसुबात उसकी थी... पर्दे पर्दे में बात उसकी थी, दिल में पोशीदा ज़ात उसकी थी, तुम ने दुनिया का ज़िक्र छेड़ दिया, मेरे होंठों पे बात उसकी थी, वो गया तो अंधेरा छोड़ गया, रोशनी जैसी ज़ात जिसकी थी,