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उसको मालूम नहीं हो शायद उसका साथ कितना खास है मुझे

उसको मालूम नहीं हो शायद
उसका साथ कितना खास है मुझे

उसके लबों पे, जो है कायम
उसी दरिया की प्यास है मुझे

मेरी नज़रों से ओझल, मगर
रौशन तो वो हर बज़्म में है

वो वही दिलशाद मुसाफ़िर है
बरसों से जिसकी तलाश है मुझे। 

सदिल हरियाणवी 🙏 #poetrylove #sadilharyanvi
उसको मालूम नहीं हो शायद
उसका साथ कितना खास है मुझे

उसके लबों पे, जो है कायम
उसी दरिया की प्यास है मुझे

मेरी नज़रों से ओझल, मगर
रौशन तो वो हर बज़्म में है

वो वही दिलशाद मुसाफ़िर है
बरसों से जिसकी तलाश है मुझे। 

सदिल हरियाणवी 🙏 #poetrylove #sadilharyanvi