वक़्त बेवक़्त याद करना अच्छा लगता है, गैर तो हूँ तुम्हारे लिए, लेकिन तुम्हे अपना मानना अच्छा लगता है, बुरा और अच्छा, दोनो लम्हे है मेरे पास तुम्हे लेकर, तुम्हारे साथ बीते, अच्छे लम्हो को याद कर मुस्कुराना अच्छा लगता है। ©Durgesh Prasad #बसयुंही #MereKhayaal