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बहोत सताती है याद किसी की लाख रोकू फिर भी निकल आती

बहोत सताती है याद किसी की
लाख रोकू फिर भी निकल आती है जज्बात दिल की
बहोत कोसिस करता हुँ की भूला दु सब कुछ
और फिर याद आ जाती है 
प्यारी मुलाकत किसी की Shayar Yash Verma Ritika Gupta Soumya Jain Divya Joshi
बहोत सताती है याद किसी की
लाख रोकू फिर भी निकल आती है जज्बात दिल की
बहोत कोसिस करता हुँ की भूला दु सब कुछ
और फिर याद आ जाती है 
प्यारी मुलाकत किसी की Shayar Yash Verma Ritika Gupta Soumya Jain Divya Joshi