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ज्यों ही मनुष्य में #भक्ति अथवा #प्रेम का प्रवाह ब

ज्यों ही मनुष्य में
#भक्ति अथवा #प्रेम
का प्रवाह बढ़ता हैं,
मनुष्य जगत मिथ्या
की परवाह से
मुक्त हो जाता हैं।। #प्रवाह -बहाव
#परवाह -चिंता,फिकर
#प्रेम  #भक्ति  #अनमोल_तुम
ज्यों ही मनुष्य में
#भक्ति अथवा #प्रेम
का प्रवाह बढ़ता हैं,
मनुष्य जगत मिथ्या
की परवाह से
मुक्त हो जाता हैं।। #प्रवाह -बहाव
#परवाह -चिंता,फिकर
#प्रेम  #भक्ति  #अनमोल_तुम