शतं विहाय भोक्तव्यं सहस्रं स्नानमाचरेत् । *लक्षं विहाय दातव्यं कोटिं त्यक्त्वा हरिं भजेत् ।।* भावार्थ सौ कार्यों को छोड़कर भोजन करना चाहिए, हजारों कामों को छोड़कर स्नान करना चाहिए, लाखों कार्यों को छोड़कर दान देना चाहिए और करोड़ों कार्यों को छोड़कर प्रभु-भक्ति करनी चाहिए ©Brij Bihari Shukla #प्रभु_मूरत_देखी_तिन_तैसी #प्रभु #Krishna #भक्ति