तोहफा क्या दूँ तुझे ओ वसुधा! तू घर की उस बूढ़ी माँ जैसी है जिसका काम बस अपने पोतें-नातियों को कहानियाँ सुनाना है तुम्हारी सिसकियाँ, तुम्हारे बदन की ख़राशें कोई नहीं सुनता,कोई नहीं देखता दुर्भाग्य की बात है, जिन मिट्टी के बंजर पुतलों में तुमने अपने सब्ज़ हाथों से थोड़ी सी हरियाली डाली अब वो तुम्हारे एहसान को भूल चुके हैं तुमने सबको जीवन का तोहफ़ा दिया पर सबने तुम्हारे हरे देह को बंजर बना दिया रोते रोते तुम्हारे आँखों का नीला सागर सूख चुका है अब ©तारांश #Earth_Day_2020 #पृथ्वी #Nojoto #nojotohindi #Popular #today #nojotonews #nojotoenglish #taransh