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1) तेरी मोहब्बत_ए_सितम में हमनें खुद को शामिल क्या

1) तेरी मोहब्बत_ए_सितम में हमनें खुद को शामिल क्या किया।
    बेवफाई बागों के काँटों ने भी हमें फूल समझकर अपना लिया।।
     
2) आज भी याद है वो दिन जब तेरी रूह की ख्वाइश की थी।
    तुझे पाने के लिए मैंने कितने दोस्तों से गुज़ारिश की थी।।

3) जब हुई थी तुझसे पहली मुलाकात।
     बहुत कुछ होते हुए भी तुझसे कर ना सका था मैं बात।।

4) जब भी किया था तेरे करीब आने का प्रयास।
     ना चाहते हुए भी ये मन हो गया था उदास।।

5) कहते हैं हर प्रेम कहानी की शुरुआत दोस्ती से होती है।
     करके दिल का इज़हार मनों में बस नफरत पैदा होती है।।

6) कुछ ऐसी ही थी ना अपनी यारी।
     कि जाने की घड़ी हो तुम्हारी और मौत हो जाए हमारी।।

7) ना जाने क्या था तेरी उन आँखों में जिसने मुझे जकड़ लिया था।
     मेरे दिल की दहलीज़ पर जिसने कब्ज़ा कर लिया था।।

8) तेरी ज़ुल्फों से खेलने की भी ना जाने कैसी पड़ गई थी आदत।
    बस मिल जाए तू! यही करता था मैं दिन-रात इबादत।।

9) कैसे दरशाऊँ तेरे चहरे का नूर।
    जिसके नशे में मैं हो गया था चूर।।

10) दिल ले जाती थी तेरे होठों की मुस्कुराहट।
       जैसे की हो किसी ने गुलाबों की सजावट।।

11) वो तेरे जिस्म से आती मनमोहित महक।
       जैसे गुलाब के बागों में कोयल की चहक।।

12) देखकर तुझको कुछ ऐसा था मेरे दिल का धड़कना।
       पानी के लिए जैसे हो किसी प्यासे का तड़पना।।

13) तमाम खुशियाँ हो जाए नाम तेरे, सारे गम हो जाए नाम मेरे।
      देखकर मेरी मृत्यू, अंत में आँखों से आँसू छलक जाए तेरे।।
       
14) अगर चली गई तू तो साँसें मेरी भी थम जाएगी।
       यकीन है आज भी इतना तुझपे, मरने के बाद भी ना तुझको याद मेरी सताएगी।।

15)  दुआ है रब से कि जाने के बाद मेरे, बुलाए तुझे।
       मर चुका होऊँ मैं और तू दफन करने आए मुझे।।

©Pränäv Güptä #wu #writersunplugged #poet #poetry #जज़बाती_शायर #जज़बाती_कलम #एक_अंतिम_ख्वाइश #broken💔 

#alonesoul
1) तेरी मोहब्बत_ए_सितम में हमनें खुद को शामिल क्या किया।
    बेवफाई बागों के काँटों ने भी हमें फूल समझकर अपना लिया।।
     
2) आज भी याद है वो दिन जब तेरी रूह की ख्वाइश की थी।
    तुझे पाने के लिए मैंने कितने दोस्तों से गुज़ारिश की थी।।

3) जब हुई थी तुझसे पहली मुलाकात।
     बहुत कुछ होते हुए भी तुझसे कर ना सका था मैं बात।।

4) जब भी किया था तेरे करीब आने का प्रयास।
     ना चाहते हुए भी ये मन हो गया था उदास।।

5) कहते हैं हर प्रेम कहानी की शुरुआत दोस्ती से होती है।
     करके दिल का इज़हार मनों में बस नफरत पैदा होती है।।

6) कुछ ऐसी ही थी ना अपनी यारी।
     कि जाने की घड़ी हो तुम्हारी और मौत हो जाए हमारी।।

7) ना जाने क्या था तेरी उन आँखों में जिसने मुझे जकड़ लिया था।
     मेरे दिल की दहलीज़ पर जिसने कब्ज़ा कर लिया था।।

8) तेरी ज़ुल्फों से खेलने की भी ना जाने कैसी पड़ गई थी आदत।
    बस मिल जाए तू! यही करता था मैं दिन-रात इबादत।।

9) कैसे दरशाऊँ तेरे चहरे का नूर।
    जिसके नशे में मैं हो गया था चूर।।

10) दिल ले जाती थी तेरे होठों की मुस्कुराहट।
       जैसे की हो किसी ने गुलाबों की सजावट।।

11) वो तेरे जिस्म से आती मनमोहित महक।
       जैसे गुलाब के बागों में कोयल की चहक।।

12) देखकर तुझको कुछ ऐसा था मेरे दिल का धड़कना।
       पानी के लिए जैसे हो किसी प्यासे का तड़पना।।

13) तमाम खुशियाँ हो जाए नाम तेरे, सारे गम हो जाए नाम मेरे।
      देखकर मेरी मृत्यू, अंत में आँखों से आँसू छलक जाए तेरे।।
       
14) अगर चली गई तू तो साँसें मेरी भी थम जाएगी।
       यकीन है आज भी इतना तुझपे, मरने के बाद भी ना तुझको याद मेरी सताएगी।।

15)  दुआ है रब से कि जाने के बाद मेरे, बुलाए तुझे।
       मर चुका होऊँ मैं और तू दफन करने आए मुझे।।

©Pränäv Güptä #wu #writersunplugged #poet #poetry #जज़बाती_शायर #जज़बाती_कलम #एक_अंतिम_ख्वाइश #broken💔 

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