जिस कदर शोर मचा रखा है इन हिचकियों ने पता तो चले फिर आज किसने यादों को कुरेदा है। ऐ हिचकियां बेवस यूं ही नहीं हुई होंगी आने को, जरूर फिर आज उसी कमबख्त ने याद किया है।। उफ्फ ऐ हिचकियां क्या जान लेके छोड़ेगी अब, कत्ल का इरादा तो नहीं क्या मार डालोगे अब। कहां हो आजकल इन हिचकियों का कोई सबब तो होगा, कहीं ज़िक्र हो रहा है मेरा या सिसकियां लिए बैठे हो। - jivan Kohli #हिचकियां soumyaa naik kuldeep chaturvedi "kunnu" Vasim Khan संदीप कुमार 'सवीर' बेबाक लेखक 💌✍️ murli dhar