करो आतंकियों पर वार अबकी बार होली में. न उनको मिल सके घर-द्वार अबकी बार होली में. बना तोपोंकी पिचकारी चलाओ यार अब जी भर. निशाना चूक न पाए, रहो गुलज़ार होली में. बहुत की शांति की बातें, लगाओ अब उन्हें लातें. न कर पायें घातें कोई अबकी बार होली में. पिलाओ भांग उनको फिर नचाओ भांगडा जी भर. कहो बम चला कर बम, दोस्त अबकी बार होली में. छिपे जो पाक में नापाक हरकत कर रहे जी भर. करो बस सूपड़ा ही साफ़ अब की बार होली में. न मानें देव लातों के कभी बातों से सच मानो. चलो नहले पे दहला यार अबकी बार होली में. जहाँ भी छिपे हैं वे, जा वहीं पर खून की होली. चलो खेलें ‘सलिल’ मिल साथ अबकी बार होली में हमारे शहीद भाइयों के लिए एक छोटी सी कविता होली की हार्दिक शुभकामनाएं हमारे फौजी भाइयों को 🙏🙏 Happy Holi Indian army 🙏🙏