सफ़रनामा जैसा कि योर कोट के सफर पर "सफ़रनामा” लिखना है वो भी अपनी पहली रचना के आधार पर.... मेरी पहली रचना वक़्त के नाम थी... वो कुछ ऐसे थी~ ज़िंदगी में दो चीज़ें कभी नहीं मिली ना अपनों का वक़्त न अपने लिए वक़्त... 20 मई 2018!