(एक घर जो मीठी यादें संजोए होता है। चंद पल देकर आप उन्हें जी उठेंगे) 'पूरी पंक्तियां नीचे पढ़े,
एक घर हो ख्वाबों का हसरतों का जहां बरसात से भीगते हुए झरोखे, घर के पास खड़े हरे भरे पेड़,बारिश में तर होते हुए, आंगन पानी से लबालब भरा हुआ। एक घर कॉंक्रीट पत्थर ईटों से नहीं,वह होता है जज्बातों का, एहसास का,हर वह उम्मीद का, जो एक इंसान सोचता हैं । जब थका हारा घर के दरवाजे पर आता है।तो सुकून का जो एहसास उसे भर लेता। घर की दीवारें जगमगा उठती है। जो बूंद बूंद कर कर ईमानदारी की पसीने की खुशबू से महकता हुआ एक घर। जहां कदमों के निशां हो,अपनों के हाथों की रेखाएं छपी, हो दीवारों पर। जिसके झरोखों से खुशबू आए फूलों की, बारिश की। सुबह सुबह की धूप चेहरे में पड़े। जिसके आंगन में सर्दियों की धूप जी भर ले। जिस घर के ऊपर एक नीला सा आसमान हो, तारों से बिछी चादर हो,उसके छत पर लेट कर चांद को आते देख,
वो एक घर हो चौदहवीं के चांदनी से नहाया हुआ ।
आंगन में आम का पेड़ हो, गर्मियां आने में आम की बोरों का निकलना,आंधियां चले कुछ आम का टूट गिर जाना,फिर उनसे चटनी बनाना।
एक घर समेटे हुए, अपने में जीवन भर की सारी यादें कभी बजती शहनाई,कभी त्योहारों की महक, कभी पकवानों की खुशबू, कभी रिश्तेदारों की आने की चहक,
'ये घर नहीं ये घर है ख्वाबों का
महल,🌺🌻🌲🌳🎆🎑♥️🏯🏛🏚💐💒🏰🌞💒💒💒💒💒💒💒💒
वंदना♥️