Nojoto: Largest Storytelling Platform

अकेला बैठा हूं श्याम रात की चौकठ पर, क्योंकि पूनम

अकेला बैठा हूं श्याम रात की चौकठ पर,
क्योंकि पूनम के चांद का पता जानता हूँ।
ख़ुद को दांव पर लगा देता हूँ अक्सर ,
क्योंकि मैं  ज़िंदगी का  पता जानता हूँ।
नाकामी दुख और आंसुओ में उलझकर
भी समाज की सारी रवायतें याद रही मुझें,
हर मौसम का इतना लुत्फ़ लिया है मैंने,
कि हर बदलते चेहरों का पता जानता हूँ।
अमूमन रास्ते भूलकर भी भटका नही मैं
क्योंकि भीतर के इंसान का पता जानता हूँ। मौसम का लुत्फ़(कविता)
#कोराकाग़ज़ 
#collabwithकोराकाग़ज़ 
#जन्मदिनकोराकाग़ज़ 
#kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता 
#kkमौसमकालुत्फ़ 
#yqdidi 
#yourquotedidi
अकेला बैठा हूं श्याम रात की चौकठ पर,
क्योंकि पूनम के चांद का पता जानता हूँ।
ख़ुद को दांव पर लगा देता हूँ अक्सर ,
क्योंकि मैं  ज़िंदगी का  पता जानता हूँ।
नाकामी दुख और आंसुओ में उलझकर
भी समाज की सारी रवायतें याद रही मुझें,
हर मौसम का इतना लुत्फ़ लिया है मैंने,
कि हर बदलते चेहरों का पता जानता हूँ।
अमूमन रास्ते भूलकर भी भटका नही मैं
क्योंकि भीतर के इंसान का पता जानता हूँ। मौसम का लुत्फ़(कविता)
#कोराकाग़ज़ 
#collabwithकोराकाग़ज़ 
#जन्मदिनकोराकाग़ज़ 
#kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता 
#kkमौसमकालुत्फ़ 
#yqdidi 
#yourquotedidi