पलके खुलते ही वह ख्वाब आंखों में चरमरा गया
जो रात भर आंखों में तसल्ली देता रहा,,,,,,
कुछ पल उसके साथ जिए ख्वाबों के शहर में
एक सफर था सुहाना,,,एक नदी थी और एक कश्ती,,,
नदी किनारे मिलने बुलाया,,, इस दिल ने चाहा उसको निहारू
खूब सारी बातें करूं,,,कुछ पल उसके साथ गुजारू,,,, #dreamscometrue#ख्वाब_और_तुम