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सुप्रभात, पलके खुलते ही वह ख्वाब आंखों में चरमरा ग

सुप्रभात, पलके खुलते ही वह ख्वाब आंखों में चरमरा गया
जो रात भर आंखों में तसल्ली देता रहा,,,,,,

कुछ पल उसके साथ जिए ख्वाबों के शहर में
एक सफर था सुहाना,,,एक नदी थी और एक कश्ती,,,

नदी किनारे मिलने बुलाया,,, इस दिल ने चाहा उसको निहारू 
खूब सारी बातें करूं,,,कुछ पल उसके साथ गुजारू,,,,
सुप्रभात, पलके खुलते ही वह ख्वाब आंखों में चरमरा गया
जो रात भर आंखों में तसल्ली देता रहा,,,,,,

कुछ पल उसके साथ जिए ख्वाबों के शहर में
एक सफर था सुहाना,,,एक नदी थी और एक कश्ती,,,

नदी किनारे मिलने बुलाया,,, इस दिल ने चाहा उसको निहारू 
खूब सारी बातें करूं,,,कुछ पल उसके साथ गुजारू,,,,
vandana6771

Vandana

New Creator

पलके खुलते ही वह ख्वाब आंखों में चरमरा गया जो रात भर आंखों में तसल्ली देता रहा,,,,,, कुछ पल उसके साथ जिए ख्वाबों के शहर में एक सफर था सुहाना,,,एक नदी थी और एक कश्ती,,, नदी किनारे मिलने बुलाया,,, इस दिल ने चाहा उसको निहारू खूब सारी बातें करूं,,,कुछ पल उसके साथ गुजारू,,,, #dreamscometrue #ख्वाब_और_तुम