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हम..... Sai... दूर है हम शरीर से.. मगर पास है हम

हम.....

Sai... दूर है हम शरीर से..
मगर पास है हम एक दुझे के रूह से....

दूर है हम एक दुझे के स्पर्श से..
मगर पास है हम एक दुझे के अंतरंगीक स्पर्श से...

दूर है हम एक दुझे के बातों से...
मगर पास है हम एक दुझे के कविताओं के कलम से...
हम.....

Sai... दूर है हम शरीर से..
मगर पास है हम एक दुझे के रूह से....

दूर है हम एक दुझे के स्पर्श से..
मगर पास है हम एक दुझे के अंतरंगीक स्पर्श से...

दूर है हम एक दुझे के बातों से...
मगर पास है हम एक दुझे के कविताओं के कलम से...
kulkarnik1101

lalitha sai

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