शहद सी मीठी बोली बेवफाई कूफियाई। फ़रेब ऐसा की मर जाए वो मर जाने से पहले।। किसी का इन्तिज़ार अच्छा नही इक़-तर्फगी में। वस्ल होता नही इज़हारे दिल्लगी से पहले।। क्यूँ तू शिकवे लिए बैठा है इंतिशारी के। ये तन्हाई बड़ी याद आएगी मज़मो से पहले।। अब उसकी याद इस तरहा ना आए मार डाले। वो क्यों मिलता नही फिर दम निकल जाने से पहले।। ये कैसी दोस्ती है जिसमे कोई ख़ैर नही। दुश्मन मिल जाए मुझे ऐसी दोस्ती से पहले।। मेरे लफ़्ज़ों को नापंसद उसने ऐसे कहा। इशारा चुप का कर दिया था कुछ कहने से पहले।। मियाँ अब छोड़ दे लिखने की ज़िद ख़ामोश होजा। तू संभल जा इन फ़िसलनो में फिसलने से पहले।। ©AhMeD RaZa QurEsHi #पहले #AhMeD_RaZa_QurEsHi @MiyA Ishita 😊 Morris Dollar(Ayush kumar gautam) Azad ताहिर তাহীৰ Er. Ambesh Kumar indira Unknown Artist Official