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ज़ब मै. पहली बार. पंहुचा था भाषा के बीहड़ मे. मुझे छ

ज़ब मै. पहली बार.
पंहुचा था भाषा के बीहड़ मे.
मुझे छदो  की अनेक  प्रजातियां.
दिखी जो  निर्वासित जीवन जी
रही थीं     शब्दों के.
शरणार्थी   शिविर  मे
मै  अभिभूत हुआ था उनके
सौन्दर्य का जलवा देख कर
और तब उन्हें  चुराकर बंधक  बनाने मे .  मुझे ज़रा भी संकोच
नहीं हुआ था .

©Arora PR
  भाषा के बीहड मे
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Arora PR

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भाषा के बीहड मे #कविता

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