रात आ गई है आप भी आ जाओ ना, मुझे अपनी बाहों में सुलाओ ना, जैसे चांद सो गया चांदनी के पास, तुम भी मेरे पास सो जाओ ना, तुम्हारे कंधे पर सर हो मेरा, मुझे गले से लगाओ ना, मै कब से बैठी हूं पलके बिछाए, तुम मेरे करीब आओ ना, मै तो सिर्फ तुम्हारी राह देख रही हूं तुम मुझे सीने से लगाओ ना, मेरे हमसफ़र हो तुम हमदम, इस रात की तरह मुझसे लिपट जाओ ना।। ©mau jha gud night poetry