अकेले हो , थक गए हो , परेशान हो ? क्या अकेले छोड़ गए हैं तुम्हें सभी ? क्या रोने का दिल करता है हर कभी ? मन में कोई अनजाना सा भय है क्या ? जाहिर ना हो, कोई ऐसी विषय है क्या ? सच में ये सब तुम्हें लग रहा है क्या ? तो मेरे दोस्त कुछ लिखो, कुछ कहो । जैसे भी हो बयां इसे तुम हरगिज करो। ये अवसाद है, इसे नजरंदाज ना करो। ये अंदर से खा जाएगा तुम्हें एक दिन, हाल ए दिल कहने से ना तुम अब डरो। कोई समझे ना समझे तुम बस कहो । कोई साथी हो जो समझे तुम्हें तो ठीक है , ना हो कोई तो बेझिझक मुझसे कहो । मन अपना हल्का करो,और आगे बढ़ो ।। ©Ranjesh Singh #डिप्रेशन #alone