प्यार की सीधी डगर पर आप चलकर देखिये दुश्मनी को दोस्ती में भी बदल कर देखिये खूबसूरत जिंदगी हो और सब मिलकर रहें इक दफा अपने अहम को खुद कुचल कर देखिये अपने घर में कैद होकर ,कूप के मेंढ़क न हों खूबसूरत है जहाँ, बाहर निकल कर देखिये आपकी मुट्ठी में होंगे,आसमां के तारे सब अपने तन में जोश भरकर, फिर उछल कर देखिये एक दूजे के लिये इस प्यार को जिन्दा रखें मोम सा बाती की रक्षा में पिघल कर देखिये क्या पता वो मुस्कुराये,गिरने से तेरे 'जगन' आज उनके घर के आगे ही फिसल कर देखिये सँदीप