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कैसा उजाला ले के चले हो तारगी में तुम, जो रोशनी थी

कैसा उजाला ले के चले हो तारगी में तुम,
जो रोशनी थी, वह भी सलामत बची नहीं। #तारगी
कैसा उजाला ले के चले हो तारगी में तुम,
जो रोशनी थी, वह भी सलामत बची नहीं। #तारगी