मोहब्बत की होंगी ज़जा कई, हमने दोस्ती का गला घुटटे देखा है. हिज्र की होंगी सजा और भी, हमने रिश्तों का ज़ईफ़ होना देखा है. बोसीदा हो चली यादें हैं वज़ीफ़ा अपना, हमने हाकिम का गदागर होना देखा है. शक ओ शूबा रिश्तों में दरार डाल देती है, हमने क़हर से उंस का तबाह होना देखा है. फितूर रिश्ते में ज़वाल डाल देता है, हमने हवा का बवंडर होना देखा है. जिंदगी में यारों की अहमियत खो गयी है 'शुभी' हमने आबशार का सिफ़र में तब्दील होना देखा है. Completed my 100th piece. Loving this platform. Thanks to all the amazing writers I have come across and who have helped me learn. #YQbaba #Dimri #yopowrimo #YQdidi #shayari #yqbhaijan #ghazal #100thquote ज़जा-result, परिणाम हिज्र- जुदाई ज़ईफ़-कमजोर बोसीदा- decay वज़ीफ़ा- कमाई हाकिम- मालिक