सफर वही तक है जहाँ तक तुम हो, नजर वही तक है जहाँ तक तुम हो, हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर, खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो.... #स्वेता#