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आँखों ही आँखो में प्यार का इजहार हुआ तुम थे दुर

आँखों ही आँखो में 
प्यार का  इजहार हुआ 
तुम थे दुर फिर भी 
 इन आँखो से 
तुम्हारा दिदार हुआ
न जाने  
कैसे धोखे की  धुँल पड.  गयी  
इन आँखों  में 
फिर कभी  न दिखा प्यार इन आँखों  में 
मैं अश्को से 
साफ करती  रह गयी  धुँल को 
तुम्हारा प्यार  कब गायब हो  गया
  न पता चला  इन आँखों  को. #december#07
आँखों ही आँखो में 
प्यार का  इजहार हुआ 
तुम थे दुर फिर भी 
 इन आँखो से 
तुम्हारा दिदार हुआ
न जाने  
कैसे धोखे की  धुँल पड.  गयी  
इन आँखों  में 
फिर कभी  न दिखा प्यार इन आँखों  में 
मैं अश्को से 
साफ करती  रह गयी  धुँल को 
तुम्हारा प्यार  कब गायब हो  गया
  न पता चला  इन आँखों  को. #december#07