इस गुलाबी ठंड में, दोस्त बदल जाते है अक्सर नए सजीव मोड आ जाने पर हम नही बदले अब भी ऐसे अजीब मोड आ जाने पर आज भी वैसा ही हु दोस्तो आ देख लो थोड़ा सा करीब आकर थोडा सा गले से गले लगाकर दोस्त नही बदले अब तक विश्वास न हो तो मिलाकर देख लो करीब से नजर मिलाकर करीब से धडकन मिलाकर करीब से जज्बातो की वही फिर कड़ी मिलाकर जैसे मिलते थे पहले समय को समय देकर एहसासो को विश्वास दिखाकर ईरादो को आशिकी की आशिकी समझ कर👬👬 दोस्त बदले बदले से