जो रुकी धारा निरन्तर ख्वाब में बहने लगी, वक्त या बेवक्त उसकी , धड़कने बढ़ने लगी। ये हवाये , ये गगन क्या चाँद तक भी मौन था, देखकर मुझको वो पागल प्रेम खत पढ़ने लगी।। #love_nojoto