White दिल-ए-कश्मकश बड़ी बताऊ कैसे जो समझे, ना-समझें मनाऊ कैसे ? टूटता हैं बिखरता हैं फिर संवरता हैं ये दिल उसी का हैं समझाऊं कैसे ? दिल-ए-जहां ज़िंदा हैं ग़र वो मिरा हैं मिरि नज़र के ख़्वाब उसे दिखाऊ कैसे ? बरसों बिता दिया जिसके इंतज़ार में रोज़ तोड़ता हैं दिल मेरा बताऊ कैसे ? पत्थर-दिल हूँ कहता हैं वही सनम मेरा मेरे मौला तू ही बता यकीं दिलाऊ कैसे ? एक अरसे बाद मिला हैं यार "कुमार" फ़क़ीर को मिरे ख़ुदा से मिलाऊ कैसे ? — Kumar✍️ ©The Unstoppable thoughts #Sad_Status, #alone #gazal #Poetry #Nojoto #nojotohindi #nojotourdu #nojotowriters