परिन्दें आज कल यूँ भी पता पूछतें हैं। चुभा के नश्तर दिल में,ख़ता पूछतें हैं। . दिखतें हैं वो जो संग अपने रक़ीब के, वो भी हमसे इश्क़ की वफ़ा पूछतें हैं। . गालों पे तिल और कँवल से दो होंठ, फिर भी वो हुस्न की अदा पूछतें हैं। . यूँ तो इश्क़ बयां होता नही लज़्फों में, 'कितना है प्यार'वो हर दफ़ा पूछतें हैं। . अब तो मुमकिन है चाँद पे भी जाना, बस ख़्वाब जज़्बों की रज़ा पूछतें हैं। . क्या किया तुमने इस जमी के वास्ते, ऊपर जाने पे बन्दें से खुदा पूछतें हैं। . क्यों मनाया तुमने खुशियों का जश्न, निगाहों से अश्क होके खफ़ा पूछतें हैं। . कितने पल तूने हँस के जिया साक़ी, गोर पे रिन्द बस यही मज़ा पूछतें हैं। #NojotoQuote 💓✍💓💓💓✍ #abhishekpoetry #philosophy #hindi #rumi #sufi