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“पंछी की उड़ान” कहानी बात

           “पंछी की उड़ान”
            कहानी

बात अस्सी के दशक की है जब मेरा जन्म हुआ। मैं जन्म के समय बहुत ही कमजोर पैदा हुई थी। इसलिए कॉलोनी की मिश्रा आंटी ने मेरा नाम चिड़िया रख दिया। मेरे जन्म से 2 साल पहले ट्रेन एक्सीडेंट में मेरे 8 साल भाई की मौत हो गई थी। इसलिए जब मैं कमजोर पैदा हुई तो मेरी मांँ और पापा ने सोचा कि सब सोचेंगे लड़की हुई है इसलिए ये लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं, इस सोच से वो लोग बहुत मेरे स्वास्थ्य बहुत ध्यान दिया। धीरे धीरे बड़े होने पर जब कॉलोनी के सारे लोग चिड़िया बुलाते से मुझे बहुत गुस्सा आता क्योंकि सब बच्चे मुझे “चिड़िया का दाना, है तुमको खाना” कह कर चिढ़ाते थे। एक दिन मिश्रा आंटी से मैंने कहा कि आप मेरा कोई और नाम नहीं रख सकती थी, उन्होंने का कि तुम बहुत कमजोर पैदा हुई थी और उस समय मुझे यही नाम सुझा। मैंने तुरंत बोला कि आप मेरा कोई और नाम रख दीजिए, तो वो बोली, आज से सब तुम्हें पंछी बुलाएंगे। अब तो तुम खुश हो ना, वैसे एक दिन तुम पंछी की तरह दूर ऊपर आसमान में कामयाबी की उड़ान भरोगी, ये मेरा तुम्हारे लिए आशीर्वाद है। धीरे धीरे सब मुझे तबसे पंछी नाम से बुलाने लगे। और आज मिश्रा आंटी और अपने सभी बड़ों और गुरुजनों के आशीर्वाद से बीएचयू जैसे सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी स्क्लोरशिप के साथ कर कामयाब जीवन व्यतीत कर रही हूंँ। #कोराकाग़ज़ 
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           “पंछी की उड़ान”
            कहानी

बात अस्सी के दशक की है जब मेरा जन्म हुआ। मैं जन्म के समय बहुत ही कमजोर पैदा हुई थी। इसलिए कॉलोनी की मिश्रा आंटी ने मेरा नाम चिड़िया रख दिया। मेरे जन्म से 2 साल पहले ट्रेन एक्सीडेंट में मेरे 8 साल भाई की मौत हो गई थी। इसलिए जब मैं कमजोर पैदा हुई तो मेरी मांँ और पापा ने सोचा कि सब सोचेंगे लड़की हुई है इसलिए ये लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं, इस सोच से वो लोग बहुत मेरे स्वास्थ्य बहुत ध्यान दिया। धीरे धीरे बड़े होने पर जब कॉलोनी के सारे लोग चिड़िया बुलाते से मुझे बहुत गुस्सा आता क्योंकि सब बच्चे मुझे “चिड़िया का दाना, है तुमको खाना” कह कर चिढ़ाते थे। एक दिन मिश्रा आंटी से मैंने कहा कि आप मेरा कोई और नाम नहीं रख सकती थी, उन्होंने का कि तुम बहुत कमजोर पैदा हुई थी और उस समय मुझे यही नाम सुझा। मैंने तुरंत बोला कि आप मेरा कोई और नाम रख दीजिए, तो वो बोली, आज से सब तुम्हें पंछी बुलाएंगे। अब तो तुम खुश हो ना, वैसे एक दिन तुम पंछी की तरह दूर ऊपर आसमान में कामयाबी की उड़ान भरोगी, ये मेरा तुम्हारे लिए आशीर्वाद है। धीरे धीरे सब मुझे तबसे पंछी नाम से बुलाने लगे। और आज मिश्रा आंटी और अपने सभी बड़ों और गुरुजनों के आशीर्वाद से बीएचयू जैसे सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी स्क्लोरशिप के साथ कर कामयाब जीवन व्यतीत कर रही हूंँ। #कोराकाग़ज़ 
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