!!जहाँ देखो ज़माने में बगावत ही बगावत है!! !!मेरी जानिब चले आवो मेरी जानिब मुहब्बत है!! !!तुम्हें मालूम है दुनियाँ में रुसवा कौन होता है!! !!शराफत है शराफत है शराफत है शराफत है!! !! हमेशा ठोकरों से पेट भरता है गरीबों का! ! !!अमीर ए शहेर तेरे ज़र तेरी दौलत पे लानत है!! !! हमी ने रास्ता छोड़ा हमी मंज़िल से भटके हैं!! !!हमें तुझसे नहीं रहबर हमें खुद से शिकायत है!! !! जो झूठा है उसे खामोश रहेने में भलाई है!! !!जो सच्चा है उसे तो गुफ्तगू करने की आदत है!! !!उसे तो मुफलिसी हर दिन नये करतब दिखाती है!! !!जिसे समझे थे हम दरवेश ये अहेले करामत है!! ... मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, !!जहाँ देखो ज़माने में बगावत ही बगावत है!! !!मेरी जानिब चले आवो मेरी जानिब मुहब्बत है!! !!तुम्हें मालूम है दुनियाँ में रुसवा कौन होता है!! !!शराफत है शराफत है शराफत है शराफत है!! !! हमेशा ठोकरों से पेट भरता है गरीबों का! ! !!अमीर ए शहेर तेरे ज़र तेरी दौलत पे लानत है!!