In friendship कुछ साथ ऐसे भी!!💕 बहती दुनिया में थमता किनारा है वो.. कड़कती धुप में गुनगुनी छाव है वो, है दुनिया में शामिल वो, फिर भी हैं सबसे परे , ऐसा खूबसूरत चेहरा हैं वो, वो है तो जैसे सब अच्छा लगे, वो है तो जैसे सब अपना लगे, वो है जैसी, वैसा तो कोई नही, पर वो है जैसे तो ये कमरा भी घर लगे!! घर का आँगन कभी छोड़ा नहीं था, दूर जाने का ग़म कभी झेला नहीं था, बन जाते है अजनबी चेहरे भी इतने हसी, ये अाज से पहले कभी देखा नहीं था, होंगे बहोत जिन्हे मिले जायेंगे ऐसे फ़रिश्ते फिर भी वो मुझ जैसी किस्मत कहा ला पाएंगे.. same room ही नहीं, same name तक का सफर है हमारा, .. (Kratika n Kratika) ऐसे खूबसूरत इत्तेफाक फिर कहा मिल पाएंगे! अगर वो करे वादा कुछ लम्हें साथ चलने का, तो ऐसी ही खूबसूरत यादे बनाते जायेंगे.. !! 💕 - by Kratika!! Here is a poetry dedicated to my hostel Roomie .. with whom I not only share my room but such a beautiful coincidence it isthat we both share our name too! .. (Kratika n Kratika )