बेटी शब्द बेटी होती है छोटी ... जिससे पकती हर घर रोटी..... दुर्गा, सरसवती, लक्ष्मी, काली तुम.. माँ, बहन, बुआ, चाची भी तुम ..... तेरी सुरत देख जो बाहर जाए... बिना पैसा के वापस न आये .... मां की दुलारी पिता की प्यारी.. तेरी सीरत है संस्कारी..... भाग्य नही सौभाग्य से आती हो.. घर के आंगन को महकाती हो..... गहना जेवर न हैं ग्वारा.. चाहती रहे घर खुशियों से संवारा..... खो जाती हिम्मत सबकी जब.. जग जाती तुम्हारी तब बेटी नही भगवान हो तुम.. मानो रब से मिला वरदान हो तुम...... ©Sonali laxmi ka roop h ye betiyan #daughter #beti #Betiyan #poem #Poetry #girl #respect_women