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तुम्हारी भावनाऐं अक्सर मेरे रुह के साथ खेल जाया कर

तुम्हारी भावनाऐं अक्सर मेरे रुह के साथ खेल जाया करती हैं। जब भी ये अपनी वेग में बहती हैं । और मैं मुकदर्शक बना खुद को देख रहा होता हूँ। कभी खुद को डूबता हुआ कभी उभरता हुआ और आखिरकार डूब ही जाता हूँ उसमें: भावनाओं की घूँट पीकर। 

ऐसा नहीं कि मैं खुद को बचाने की कोशिश नहीं करता  यथासंभव सारे जतन कर लेता हूँ , पर उन भावनाओं से जीत नहीं पाता।

जानती हो!
मैंने एक बार कहा था कि आज से हम और बात नही करेंगे , कम से कम तुम तो खुश रहोगी। इस पर तुमने कहा था, 
"ये कैसे सोच लिया कि मैं खुश रहूँगी ?
क्या बिना बात कि0ये तुम खुश रह लोगे "

मेरे पास कोई जवाब नहीं तुम्हारी उन बातों का 
और मैं फिर से डूब गया तुम्हारी भावनाओं के 
अंतस सागर में उनकी अनंत गहराइयों में

#साकेत #Love
तुम्हारी भावनाऐं अक्सर मेरे रुह के साथ खेल जाया करती हैं। जब भी ये अपनी वेग में बहती हैं । और मैं मुकदर्शक बना खुद को देख रहा होता हूँ। कभी खुद को डूबता हुआ कभी उभरता हुआ और आखिरकार डूब ही जाता हूँ उसमें: भावनाओं की घूँट पीकर। 

ऐसा नहीं कि मैं खुद को बचाने की कोशिश नहीं करता  यथासंभव सारे जतन कर लेता हूँ , पर उन भावनाओं से जीत नहीं पाता।

जानती हो!
मैंने एक बार कहा था कि आज से हम और बात नही करेंगे , कम से कम तुम तो खुश रहोगी। इस पर तुमने कहा था, 
"ये कैसे सोच लिया कि मैं खुश रहूँगी ?
क्या बिना बात कि0ये तुम खुश रह लोगे "

मेरे पास कोई जवाब नहीं तुम्हारी उन बातों का 
और मैं फिर से डूब गया तुम्हारी भावनाओं के 
अंतस सागर में उनकी अनंत गहराइयों में

#साकेत #Love