जब बादल गरजते हैं और बिजली कड़कती है कहीं कुछ टूटा हो तो सुनाई नहीं देता... गर्जन और चमक से बिखरता कुछ दिखाई नहीं देता, तू पागल है जो सोचता रहता है! अनुशीर्षक रे मन, अति करता है!! जब बादल गरजते हैं और बिजली कड़कती है कहीं कुछ टूटा हो तो सुनाई नहीं देता... गर्जन और चमक से बिखरता कुछ दिखाई नहीं देता, तू पागल है जो सोचता रहता है! बेवकूफ! निरर्थक अपने बस्ते में न जाने कितनी ही