मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया, तुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया? कहने को जिंदगी थी बहुत मुख्तसर मगर, कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया। NeelKhnat Triphati...... #RIPHUMANITY