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इजहार ए मोहब्बत होने को है, दिल फिर ज़ख्मी होने को

इजहार ए मोहब्बत होने को है,
दिल फिर ज़ख्मी होने को है,
कैसे खुद से वफा हम करे,
दिल बेवफा फिर होने को है।।
।।साकी।। #ajaymaheshwari#lovepoetry
इजहार ए मोहब्बत होने को है,
दिल फिर ज़ख्मी होने को है,
कैसे खुद से वफा हम करे,
दिल बेवफा फिर होने को है।।
।।साकी।। #ajaymaheshwari#lovepoetry