भरोसा इस बात का है... की ये जमीं ये आसमां ये कुदरत के बनाए सारे चीज हमेशा बने रहेंगे विश्वाश इस बात का है कि.... इसे अभिभूत करने वाला हम इंसान शरीर रूपी होकर इसे विलासिता या अध्यात्म के भोग रूपी बंधन में कुछ दिन रहकर विदा लेंगे । डर इस बात का है.... की मेरे सानिध्य में रहने वाले लोग इस बात की चिंता में रहेंगे की मेरे बाद कौन घर की जिम्मेवारी लेगा कौन ? और मैं दिल को शुकून देता हूँ... की दुनिया सिर्फ और सिर्फ मुझे से नहीं चलती । ©सौरभ अश्क #सौरभ अश्क